College Code: 05566299100

25 March 2023 ⇒ सत्र 2022-23 स्नातक तक एवं स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों की परीक्षा के संबंध में सूचना | 22 March 2023 ⇒ Revised Annual Scheme 2022_23 | 13 March 2023 ⇒ दिनांक 14/03/2023से प्रारभ्भ होने वाली वार्षिक परीक्षा सत्र 2022-23 स्थगित होने की सूचना | 11 February 2023 ⇒ वार्षिकोत्सव (वार्षिक पत्रिका "श्री रैनाथ वाणी" का विमोचन) | 06 February 2023 ⇒ स्नातक और परास्नातक द्वितीय और चतुर्थ सेमेस्टर की प्रवेश से सम्बंधित सूचना | 22 December 2022 ⇒ Revised UG-PG Ist & IIIrd Semester End Term Scheme 2022-23 | 20 December 2022 ⇒ Notice Regarding Ba2-BSc2 Back-Imp Math IIIrd Paper Exam 2022(Postponed Exam) | 16 December 2022 ⇒ UG-PG EndTerm Scheme 2022-23 |

Welcome To

श्री रैनाथ ब्रह्मदेव स्नातकोत्तर महाविद्यालय, सलेमपुर, देवरिया

श्री रैनाथ मिश्र वत्सगोत्रीय ब्राहम्ण थे, जो मयूर भट्ट के वंशवष्क्ष के अनुसार सातवीं पीढ़ी के थे | मयूर भट्ट और बार्णभट्ट चचाजात, भाई, संस्कष्त के प्रसिद्ध, कवि, महाराज हर्ष देव द्वारा भट्ट की उपाधि से समलंकष्त उनकी राजसभा के पण्डित थे | कालान्तर में मयूर भट्ट जी के अयोध्या नरेश बोधिदेव से प्राप्त पांच गांवों की जागीर (चैनपुर, चन्नाडीह, फरियावंडीह , ककराडीह एवं रेवली) की देखभाल करने के कारण हर्ष की राजसभा छोड़ दी थी |
मयूर भट्ट की पहली पत्नी नागसेनी से पुत्र नागेश भट्ट हुए और दूसरी पत्नी सूर्यप्रभा के लडके का नाम विश्वसेन था | उसी विश्वसेन के नाना महाराज बौद्धिदेव ने उसे मध्यपाली (मझौली) का राजा बनाया, जिससे विसेनवंश चला | ऊपर कहा जा चुका है कि श्री रैनाथ मिश्र मयूर की सातवीं में हुए | मयूर के नागेश, नागेश के माधव, माधव के रामलक्षण, रामलक्षण के निर्मल, निर्मल के शिव प्रसन्न और शिव प्रसन्न के श्री रैनाथ मिश्र |
श्री रैनाथ बड़े ही नैष्ठिक और आचरण शील व्यक्ति थे | वे रेवली में अपना अधिकांश समय- बिताते थे | यदा-कदा पयासी भी देख लिया करते थे | एक बार आर्थिक विपन्नता के कारण वे मझौली राज की लगान राशि जमा नहीं कर सके थे | उसकी वसूली के लिए महाराज के सिपाहियों ने रेवली पहुंचकर उनसे लगान की मांग की | श्री रैनाथ जी ने उनसे कुछ दिनों के लिए मुहल्लत मांग ली | उन दिनों महाराज शिकार खेलने के लिए चम्पारन चले गये थे | पुन: शीघ्र सिपाहियों ने रेवली में जाकर श्री रैनाथ जी को मझौली जाने के लिए तैयार कर लिया | वाध्य होकर श्री रैनाथ मिश्र अपने एक सेवक कुर्मी के साथ मझौली को चल दिए | उन के पीछे-पीछे उनकी कुतिया भी चल दी | सिपाहियों ने उन्हें बंदीगृह में बन्द कर दिया |
श्री रैनाथ जी ने अनशन करने का संकल्प कर लिया | राजा साहब भी चम्पारन से वापस आ गये | उनहोंने भी उनसे अनशन तोड़ने का आग्रह किया, वरन श्री रैनाथ जी अपने संकल्प पर अडिंग रहे | अन्ततः बीसवे या इक्कसवें दिन उनका बड़ा शरीर छूट गया | मझौली राजभवन से लगभग तीन किलोमीटर दक्षिण-पूर्व कोड़रा ग्राम वासियों ने ब्रह्म जी का चौरा निर्माण किया एवं उनकी पूजा-अर्चना करने लगे |
श्री रैनाथ ब्रह्म की उक्त स्थली आज से 20-25 वर्ष गहन जंगल के बीच थी, जो नितान्त एकान्त और भयावनी थी | यद्यपि वर्तमान में वह स्थान अत्यन्त रमणीय बनाया जा चुका है तो भी उसका पश्चिमी भाग..... Read More

News

events

courses offered

course1

B.A.

Bachelor of Arts

View more
course1

B.Sc.

Bachelor of Science

View more
course1

M.A.

Master of Art

View more
course1

B.Ed.

Bachelor of Education

View more
course1

D.El.Ed.

Dimploma in Elementary Education

View more
course1

D.L.C.

Digital Literacy Courses

View more
course1

UPRTOU Course

Uttar Pradesh Rajarshi Tandon Open University

View more

OUR FACILITIES

Library services

Computer Lab Infrastructure

Seminar Rooms

Cafeteria

Free Wifi Campus

Parking Space